Saturday, 3 October 2020

जघन्य अपराध का सिलसिला बा-दस्तूर जारी, आख़िर कब तक सहेंगी बेटियां



दुष्कर्म, बलात्कार, रेप , चिरहरण ... और ना जाने कितने नाम. बलात्कार सिर्फ शरीर के साथ नहीं किया जाता है. ये आत्मा को तार-तार कर देने के बराबर है. मरी हुई आत्मा के साथ एक जीते-जागते कंकाल को देखने का दुख पूछो उस परिवार से जो ना मरते मरे हैं और ना जिते जी सकते हैं. अपने अंदर की हवस को मिटाने के लिए इंसान जानवर बन गया है और चंद घंटों की प्यास बुझाने का मुल्य वो किसी की आत्मा की हत्या कर वसूलता है.

खैर, अब ऐसी वारदातें आम है. हर गली, मोहल्ले और नुक्कड़ की यही कहानी है. हाल ही में एक मुद्दा बहुत सुर्खियों में बना हुआ है. उत्तर प्रदेश के हाथरस में, जहां 19 साल की दलित लड़की के साथ 4 लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म किया, जीभ काटी और कमर तोड़ दी. 14 दिन बाद पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आखिरी सांस ली.
इस जघन्य अपराध के बाद यूपी पुलिस का जो घिनहौना चेहरा लोगों के सामने आया, उसकी किसी ने कल्पना भी ना की होगी. लेकिन 14 दिन तक लोगों के रंगों में सजी ये दुनिया, अपनी रफ्तार में चलती रही, मामले के लाइमलाइट में आने के बाद अब हर कोई इंसाफ की मोमबत्ती लेकर मुहाने पर खड़ा है. 
अब यहां सवाल यह उठता है कि सिर्फ हाथरस की बेटी को इंसाफ क्यों? क्या आप जानते हैं कि भारत की एक तस्वीर ऐसी भी है, जहां हर दिन औसतन 87 बलात्कार के मामले दर्ज किए जाते हैं. देश में हर 15 मिनट में एक बलात्कार का मामला दर्ज किया जाता है.

साल 2019 के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 4,05,861 मामले दर्ज किए गए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि आंकड़ों में 2018 के मुकाबले सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. वहीं देश में 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 3,78,236 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 33,356 मामले बलात्कार के दर्ज किए गए.
लेकिन इन आंकड़ों से क्या फर्क पड़ता है. शायद महिला ये ना निर्भया होंगी और ना हाथरस की बेटी. आज हर कोई चिल्ला-चिल्लाकर इंसाफ की गुहार लगा रहा है. क्या कभी किसी ने सोचा कि एक बेटी को इंसाफ मिल जाने के बाद बलात्कार के मामलों में कमी आएगी? 
क्योंकि इंसाफ तो निर्भया को भी मिला, इंसाफ तो हैदराबाद की बेटी को भी मिला, लेकिन ना तो मामलों में गिरावट दर्ज की गई और ना अपराधों में कमी आई. आप ज्यादा दूर तक मत जाइये, हाथरास के साथ-साथ ही यूपी के कई ज़िलों में बलात्कार के मामले सामने आए हैं, जिसमें बलरामपुर, आजमगढ़, भदोही, अयोध्या और इन्हीं में एक और प्रदेश राजस्थान भी शामिल है. लेकिन हर जगह अपना खेल चल रहा है. कहीं टीआरपी तो कहीं राजनीति चमकाई जा रही है.

फ़ात्मा...

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